बीबीएयू में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर हुआ सेमिनार
लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर सूचना प्राद्योगिकी विभाग, इंस्टिट्यूटस इनोवेशन काउंसिल के संयुक्त प्रावधान“में महिला सशक्तिकरण के साथ सतत विकास के लिए प्रद्योगिकी और विज्ञान” विषय पर सेमिनार आयोजित हुआ।
कार्यक्रम के वक्ता एसपी विजिलेंस डॉ. अरविन्द चतुर्वेदी ने युवाओं को जागरूक और आगाह किया और साइबर क्राइम से जुड़े पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की। उन्होने कहा कि लड़कियों के साथ अगर कोई अप्रिय घटना होती है तो बेझिझक 1090 पर फ़ोन करके अपनी समस्या बताएँ। हिंसा को नो कहना सीखना होगा। आज भी हमें अपने विधिक अधिकारों को जानने की जरुरत है। उन्होने आईटी एक्ट 67(।),67 (ठ), पॉस्को एक्ट, आईपीसी धारा 294, 376 आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने विशाखा गाइडलाइन और महिला आयोग की जानकारी साझा की।
राष्ट्रीय कवि और तकनीकी अधिकारी पंकज प्रसून ने कविता के माध्यम लोगों को जागरूक किया। उन्होने मोबाइल पर बोलते हुए कहा कि मोबाइल ने सर झुकाकर चलना सिखा दिया। अब बच्चें प्लेग्राउंड के बजाय प्लेस्टोर घूम रहे है। उन्होने कहा देश को मिसाइल से ज्यादा आज स्माइल की जरुरत हैं।
प्रो. राणा प्रताप सिंह, डीन अकेदेमिक अफेयर्स बीबीएयू ने विषय पर अपनी बात रखते हुए कहा कि आज साइबर सिक्युरिटी पूरे विश्व कि समस्या है। पूरे विश्व को इस उभरती हुई समस्या से कैसे लड़ेंगे इस पर विचार करना चाहिए।
सूचना प्रौद्योगिकी विभागाध्यक्ष डॉ. धीरेन्द्र पाण्डेय ने राष्ट्रीय प्रद्योगिकी की शुभकामनायें देते हुए कहा कि डीआईटी में एक इन्क्यूबेशन हब की स्थापना की जाएगी, जहां विद्वान महिला कार्यबल और देश में नौकरी के अवसरों के बीच की खाई को पाटने के लिए डिजिटल इंटरफेस विकसित किया जायेगा। हमें विज्ञान को समाज से जोड़कर रखना है। मौजूदा दौर में हो रही घटनाओ से सतर्क रहने की जरुरत है। विभिन्न तरीकों से बेवकूफ बनाने और फ़्रॉड करने वालों से सावधान रहे। महिलाओं को अपने साइबर अधिकारों को जानना चाहिए।
बीबीएयू में आयोजित सेमिनार में डॉ. राजश्री ने अतिथियो का स्वागत किया और उन्होने राजेवरी चटर्जी, कल्पना चावला, मिसाइल वुमेन रेसी थामस, रॉकेट वुमेन हाफ़ इंडिया रितु करियाल के बारे में बताया।
डॉ. संजय कुमार द्विवेदी, प्रो. वंदना सहगल ने भी विषय पर अपने विचार रखे। मंच का संचालन डॉ. अलका ने किया। डॉ. पवन चौरसिया ने धन्यवाद ज्ञापित किया। डॉ.नीरज तिवारी, डॉ बबिता पाण्डेय, डॉ अमित कुमार सिंह सहित विभाग के समस्त शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे ।